कच्चा
केला Raw/Green
Banana
बारिश के मौसम में केले का सेवन कई बीमारियों को मात देता है। आपको यह जानकार हैरत होगी कि कच्चा केला, पके केले की अपेक्षा अधिक पौष्टिक और शक्तिशाली दवा माना जाता है। प्राचीन समय से आयुर्वेद में कच्चे केले का प्रयोग पेप्टिक अल्सर के इलाज के रूप में किया जाता रहा है। केले के पौधे कि पत्ती का इस्तेमाल आयुर्वेदिक इलाज के रूप में भी किया जाता है। कच्चा केला विटामिन और खनिज का उच्च श्रोत है।
- कच्चा केला पोटैशियम का खजाना होता है जो इम्यून सिस्टम को तो मजबूत बनाता है ही साथ ही शरीर को दिनभर ऊर्जावान भी बनाए रखता है। इसमें मौजूद विटामिन ‘बी6’, विटामिन ‘सी’ कोशिकाओं को पोषण देने का काम करता है।
- केले में पाए जाने वाला आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ता है, जो अल्परक्तता के मरीजों के लिए लाभकारी होता है।
- कच्चा केला ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार होता है। डायबिटीज के मरीज, केले को काम कैलोरी कार्बोहाइड्रेट के खाद्य के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस फल का फूल, अल्सर और डायबिटीज को ख़त्म करने में सहायक होते हैं।
- कच्चा केला पुरुषों में होने वाले अपच और पेप्टिक अल्सर के लिए लाभकारी होता है।
- कच्चा केले का काढ़ा, गुर्दा सम्बन्धी बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। कच्चे केले कि जड़ों का पाउडर आंत्र गति कि बीमारी में लाभप्रद होता है।
- कच्चे केले का रस, खून कि उल्टी, दस्त और बवासीर के लिए रामबाण माना जाता है। पकाया हुआ एक कप कच्चा केला, रोजाना विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ कि 30 प्रतिशत जरीरत को पूरी करता है।
- कच्चा केला टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए कच्चे केले का इस्तेमाल सुरक्षित होता है। कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में काफी मददगार होता है।
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